मुख्यमंत्री ने कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में 14.38 करोड़ रुपये लागत की परियोजनाओं के किये लोकार्पण

लोकमत उदय ब्यूरो
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुल्लू जिला के कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में 14.38 करोड़ रुपए लागत की विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण किए। उन्होंने 12.95 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के 100 बिस्तर क्षमता के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य खंड, 46 लाख रुपये की लागत से निर्मित स्वास्थ्य उप केंद्र मोहल, 16 लाख की राशि से निर्मित स्वास्थ्य उप केंद्र बागन का लोकार्पण तथा नगर पंचायत कार्यालय भुन्तर और विकास खंड कार्यलय भुन्तर का शुभारंभ किया।
मणिकर्ण में विज्ञान की कक्षाएं आरंभ करने की घोषणा
इस अवसर पर भुंतर सब्जी मंडी परिसर में आयोजित चार दिवसीय भुंतर मेले (शाढ़ी जाच) के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ढालपुर कुल्लू का नाम शहीद बालकृष्ण वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय करने की घोषणा की। उन्होंने भुंतर में लघु सचिवालय खोलने, प्राथमिक पाठशाला रसकट को माध्यमिक विद्यालय, प्राथमिक पाठशाला डोभी खराल को माध्यमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय नरोगी को उच्च विद्यालय, उच्च विद्यालय खोखन को वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, प्राथमिक पाठशाला घाट ग्राम पंचायत भलान को माध्यमिक विद्यालय, प्राथमिक पाठशाला रामनगर ग्राम पंचायत जेष्ठा को माध्यमिक विद्यालय, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पीज में वाणिज्य की कक्षाएं आरंभ करने और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मणिकर्ण में विज्ञान की कक्षाएं आरंभ करने की घोषणा की।उन्होंने मेला आयोजन स्थल पर छत निर्माण के लिए 10 लाख रुपए देने की घोषणा की।
संस्कृति का संरक्षण और प्रसार अनिवार्य
जयराम ठाकुर ने कहा कि भारत की समृद्ध संस्कृति को सहेजने में यहां आयोजित होने वाले मेलों, त्यौहारों और उत्सवों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेलों की अनुदान राशि में 3 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की बढ़ोतरी की गई है, राष्ट्रीय स्तर के मेलों की अनुदान राशि 2 लाख रुपये से 3 लाख रुपये, राज्य स्तर के मेलों की राशि एक लाख रुपये से बढ़ा कर डेढ़ लाख रुपये जबकि जिला स्तर पर आयोजित होने वाले मेलों की अनुदान राशि को भी बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा किसी भी राष्ट्र की सुरक्षा और प्रगति के लिए उसकी संस्कृति का संरक्षण और प्रसार अनिवार्य है। सांस्कृति धरोहर से संपन्न राष्ट्र ही विश्व में अपनी पहचान और वर्चस्व रखते हैं। उन्होंने युवाओं से अपनी संस्कृति से जुड़े रहने का आह्वान किया।

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