टैक्स हाट कार्यक्रम का शुभारंभ राज्य कर एवं आबकारी विभाग की मुख्यमंत्री ने कि सराहना

लोकमत उदय ब्यूरो
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग के टैक्स हाट कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि टैक्स हाट कर अनुपालन में सुधार के लिए अग्रणी तंत्र है. कर राष्ट्र के विकास एवं समृद्धि में बहुत अहम भूमिका निभाता है. राजस्व के बिना कोई भी प्रदेश समृद्ध नहीं बन सकता. उन्होंने राज्य कर एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि उनके निरंतर प्रयासों से ही प्रदेश का राजस्व वर्ष 1974-75 में 11 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 7044 करोड़ रुपये हो गया है।
1100 नंबर के माध्यम से आसानी से दर्ज करवाई जा सकती है शिकायत
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कर प्रशासन की यात्रा, सामान्य बिक्री कर अधिनियम 1968 से आरंभ हुई जो मूल्य वर्धित कर अधिनियम, 2005 को पार करते हुए वर्तमान वस्तु एवं सेवा कर तक पहुंची. जीएसटी ने एक राष्ट्र एक कर की उक्ति को सार्थक करते हुए सफल क्रियान्वयन के 4 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने व्यापारियों की कठिनाइयों का हमेशा ध्यान रखा है क्योंकि व्यापारी वर्ग की कर एकत्रीकरण में एक अहम भूमिका है. राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने व्यापारियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए जिला स्तर पर टैक्स फैसिलिटेशन सेल स्थापित किए हैं जहां पर व्यापारी अपनी कराधान से संबंधित मुश्किलों को हल कर सकते हैं. मुख्यमंत्री सेवा संकल्प के माध्यम से भी व्यापारियों की समस्याओं के निदान के लिए शिकायत निवारण पोर्टल शुरू किया गया है. जिस पर 1100 नंबर के माध्यम से आसानी से अपनी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।
जीएसटी में व्यापारियों को दी गई है कई रियायतें
जयराम ठाकुर ने कहा कि टैक्स हाट की स्थापना हिमाचल प्रदेश सरकार की 2021 -22 की बजट घोषणा थी, जिसे आज पूरा कर लिया गया है. इसके माध्यम से सभी हितधारकों की कर से संबंधित जिज्ञासाओं एवं प्रश्नों का समयबद्ध उचित तरीके से निष्पादन हो सकेगा. सरकार ने जीएसटी में व्यापारियों को समय-समय पर अनेक रियायतें प्रदान की हैं. छोटे हितधारकों के लिए पंजीकरण की सीमा वस्तुओं के मामले में 40 लाख रुपए व सेवाओं के मामले में 20 लाख रुपए रखी है जो मूल्यवर्धित काल में 8 लाख रुपये थी. यह छोटे व्यापारियों के लिए बहुत राहत की बात है. उन्होंने कहा कि एकमुश्त कर अदायगी के लिए कंपोजिशन स्कीम के तहत सीमा 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 करोड रुपए की है. त्रैमासिक विवरणी मासिक भुगतान योजना के माध्यम से भी व्यापारियों को मासिक विवरणी दाखिल करने से राहत मिली है. इस कड़ी में शून्य आवर्त वाले व्यापारियों को मोबाइल के माध्यम से भी अपनी शून्य विवरणी दाखिल करने की सुविधा सरकार ने प्रदान की है।
ट्विटर व फेसबुक पेज का शुभारंभ
उन्होंने कहा कि कोविड काल के दौरान सरकार द्वारा छोटे व मध्यम दर्जे के व्यापारियों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए रिटर्न भरने की समय सीमा में भी छूट प्रदान की थी. उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी विभाग राजस्व संग्रहण व व्यापारी वर्ग की सुविधा की दिशा में निरंतर प्रयास जारी रखेगा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभाग के लोगो का विमोचन भी किया. उन्होंने विभाग के ट्विटर व फेसबुक पेज का शुभारंभ भी किया.राज्य कर एवं आबकारी विभाग की 51 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया।

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