आठवीं राष्ट्रीय पैरा बोशिया चैंपियनशिप में दिल्ली के राघव मिश्रा ने जीता रजत पदक
लोकमत उदय ब्यूरो
ग्वालियर के अटल बिहारी सेंट्रल का डिसेबिलिटीज-स्पोर्ट्स स्टेडियम इंडिया ग्वालियर में आयोजित आठवीं राष्ट्रीय पैरा बोशिया चैंपियनशिप में दिल्ली के राघव मिश्रा ने खिलाड़ी BC3 कैटेगरी के Pairs इवेंट में नेशनल रजत पदक जीत के इतिहास रच दिया। इससे पहले दिल्ली में आयोजित प्रथम स्टेट चैंपियनशिप में उन्होंने दो रजत पदक अपने नाम किए। पिता रैंप ऑपरेटर अजीत कुमार मिश्रा के हौसले से और पिताजी की तैयारी करने से ट्रेनिंग में काफी मदद मिली, जिससे अच्छा प्रदर्शन कर पाए।
तीसरी बार बने नेशनल चैंपियन
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी होने के बावजूद, उन्होंने लगातार तीसरी बार नेशनल चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बोशिया पैरालंपिक खेल नेशनल फेडरेशन के प्रेसिडेंट जसप्रीत सिंह धैलवाल, सेक्रेटरी शर्मेंद्र सिंह ढिल्लों, अशोक बेदी, गुरप्रीत सिंह धैलवाल, टॉफी बरार, कोच वीरेंद्र कुमार डबास , मेडिकल क्लासीफाइड डॉक्टर रमनदीप सिंह का सहयोग रहा।
बोशिया पैरालंपिक, व्हीलचेयर पर बैठे खेलते है खिलाड़ी
बोशिया पैरालंपिक खेल में खेलने वाले खिलाड़ियों को व्हीलचेयर में बैठे खेलते हैं। ये खिलाड़ी अपने व्हीलचेयर को नियंत्रित करके बॉल को निशाने तक फेंकने की कोशिश करते हैं। इस खेल में खिलाड़ी को खुद कोई सहायता नहीं चाहिए और वे खेल में अपनी प्रतिभा का पूरा इस्तेमाल करते हैं। बोशिया BC3 कैटेगरी पैरालंपिक में एक पैरालंपिक खेल है। जो शारीरिक शिकंजा रोग से प्रभावित खिलाड़ियों के लिए खेला जाता है। इसमें खिलाड़ी अपने द्वारा कंट्रोल किए गए बॉल को निशाने तक फेंकने की कोशिश करता है।