सड़क सुरक्षा व यातायात नियमों को लेकर लोगों को शिक्षित करना आवश्यकःजयराम ठाकुर
लोकमत उदय ब्यूरो
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रिज से राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के शुभारम्भ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में कहा कि लोगों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक करने तथा यातायात नियमों की कड़ी अनुपालना करने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि लगभग 90 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं मानवीय चूक के कारण होती हैं. लोगों को सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा का विषय प्रत्येक व्यक्ति के जीवन से जुड़ा है. जन-जागरूकता के लिए प्रतिमाह राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह का आयोजन अत्यन्त आवश्यक है.प्रदेश सरकार सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. समुदायों व हितधारकों को विभिन्न जागरूकता गतिविधियों से जोड़कर सड़क दुर्घटनाओं के खतरे को कम करने की आवश्यकता है.इस अभियान की व्यापक सफलता के लिए यह आवश्यक है कि इसमें आम जनता, स्वयंसेवी संगठनों, पंचायती राज संस्थाओं, स्थानीय निकायों और संबंधित विभागों को शामिल किया जाए।
चालकों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने पर बल देते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि इससे चालक सड़क सुरक्षा को लेकर संवेदनशील बन सकेंगे और उनमें व्यावहारिक बदलाव लाया जा सकेगा. विशेषकर स्कूलों एवं व्यावसायिक वाहनों के चालकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाए. दुर्घटनाएं रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने सड़कों पर गड्ढों को भरने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसके अतिरिक्त, आम जनता को सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक करने के लिए सरकार जागरूकता अभियान भी आयोजित कर रही है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण को यह सुनिश्चित बनाना चाहिए कि सड़कों का निर्माण उचित ग्रेड और बेहतर गुणवत्ता के साथ किया जाए. किसी सड़क दुर्घटना का इंतजार करने के स्थान पर पहले ही दुर्घटना संभावित मोड़ों और सड़कों पर गड्ढों को हटाने का कार्य किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा पर ध्यान देने के साथ-साथ दुर्घटना में घायलों की सहायता को भी विशेष महत्व दिया जाए.आमतौर पर यह देखा गया है कि न्यायालय अथवा पुलिस मुकदमे के डर से लोग सड़क दुर्घटना के घायलों की सहायता नहीं करते हैं.इसे दखेते हुए केन्द्र सरकार ने हाल ही में मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन कर विशेष प्रावधान किया है जो व्यक्ति किसी घायल को लेकर अस्पताल जाएगा, उससे कोई पूछताछ नहीं होगी और न ही उसे पुलिस के पास अपनी व्यक्तिगत सूचना पंजीकृत करवाने की आवश्यकता होगी।
जयराम ठाकुर ने सभी लोगों से आग्रह किया कि वे गुड स्मार्टियन बनने के लिए आगे आएं और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें ताकि सड़क दुर्घटनाओं के अधिक से अधिक लोगों को समय से सहायता प्रदान की जा सके. वर्तमान में प्रदेश में 12.75 लाख ड्राइविंग लाइसेंसधारक हैं, जिनमें 82,325 महिलाएं शामिल हैं. इन्हें सड़क सुरक्षा के बारे में शिक्षित करने के साथ-साथ इस अभियान से जोड़ने के लिए भी प्रेरित किया जाना चाहिए। सड़क सुरक्षा को लेकर केवल सरकार के प्रयास काफी नहीं हैं. नागरिकों को भी बड़े स्तर पर अपना सहयोग देना होगा ताकि यह एक सामाजिक अभियान बन सके.उन्होंने इस अवसर पर सड़क सुरक्षा की शपथ दिलाई तथा सड़क सुरक्षा अभियान पर साइकिल रैली और पब्लिसिटी वैन को रवाना किया. इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री ने सोलन जिला से संबंधित एचआरटीसी की महिला चालक सीमा ठाकुर और किन्नौर जिला से संबंधित व्यावसायिक वाहन की महिला चालक पूनम नेगी को सम्मानित किया। उन्होंने गुड स्मार्टियन के लिए किन्नौर जिले के कल्पा निवासी मनमोहन, पावंटा साहिब के राय सिंह और अर्की के राजेन्द्र कुमार को सम्मानित किया जिन्होंने सड़क दुर्घटना पीड़ितों की सहायता की थी।