मुख्यमंत्री ने 103.18 करोड़ रुपये लागत से निर्मित आईजीएमसी की ओपीडी भवन का किया लोकार्पण
लोकमत उदय ब्यूरो
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इन्दिरा गांधी राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय शिमला के नए बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) भवन का लोकार्पण किया.इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भवन के निर्माण कार्य पर 103.18 करोड़ रुपये की राशि व्यय की गई है जिसमें से 73 करोड़ रुपये की राशि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में उपलब्ध करवाई गई है. उन्होंने कहा कि मूल रूप से यह भवन 46 करोड़ रुपये में निर्मित किया जाना था लेकिन वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक बड़े भवन के निर्माण के लिए वर्ष-2019 में इसकी लागत को संशोधित कर 103 करोड़ रुपये किया गया था.उन्होंने कहा कि यहां पर ट्रॉमा सेंटर के निर्माण पर 40 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं और इसका कार्य इसी वर्ष जून माह तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
कोरोना वायरस का नया वैरिएंट चिंता का विषय
उन्होंने कहा कि आईजीएमसी प्रदेश का एक प्रमुख आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं अस्पताल है और राज्य सरकार यहां विश्व स्तरीय सेवाओं एवं उपकरणों से सुसज्जित करने के लिए कृतसंकल्प है.उन्होंने कहा कि रोगियों की भारी संख्या को देखते हुए इस संस्थान में और अधिक आधारभूत संरचना विकसित करने की आवश्यकता है.उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए नया ओपीडी ब्लॉक दूरगामी भूमिका निभाएगा.मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के चिकित्सकों, पैरा-मेडिकल स्टॉफ और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने कोरोना महामारी के प्रसार के नियंत्रण के लिए पूर्ण समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का नया वैरिएंट भी सभी के लिए चिंता का विषय है और सभी को सावधानी रखने की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि चिकित्सकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के समन्वित प्रयासों और समर्पण से राज्य महामारी की इस लहर से भी सफलतापूर्वक पार पा लेगा।
एम्स बिलासपुर इसी वर्ष जून माह में राष्ट्र को समर्पित
जयराम ठाकुर ने कहा कि रोगियों, चिकित्सकों, परिचारकों और आम लोगों की सुविधा के लिए आईजीएमसी के समीप स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत 32 करोड़ रुपये की लागत से पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में छः राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालयों के अतिरिक्त बिलासपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना की जा रही है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के उदार प्रयासों से ही सम्भव हुआ है. उन्होंने कहा कि एम्स बिलासपुर इसी वर्ष जून माह में राष्ट्र को समर्पित कर दिया जाएगा।
हिमकेयर योजना के अन्तर्गत 200 करोड़ रुपये की राशि व्यय
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी की प्रथम लहर के दौरान प्रदेश में केवल दो ही ऑक्सीजन प्लांट थे और आज प्रदेश के विभिन्न भागों में 41 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए है. उन्होंने कहा कि उस समय राज्य में केवल 50 वेंटिलेटर ही उपलब्ध थे और आज प्रदेश में 1000 से अधिक वेंटिलेटर है. उन्होंने कहा कि यह वर्तमान प्रदेश सरकार के समर्पित प्रयासों से ही सम्भव हो सका है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने न केवल राज्य में बेहतर अधोसंरचना का सृजन किया बल्कि गरीब व जरूरतमंद लोगों को गम्भीर बीमारियों का निःशुल्क उपचार भी सुनिश्चित किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हिमकेयर योजना के अन्तर्गत 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि व्यय की गई है और मुख्यमंत्री सहारा योजना के अन्तर्गत गम्भीर बीमारी से ग्रसित रोगियों के परिवार को 3000 रुपये प्रतिमाह की राशि प्रदान की जा रही है।
राज्य में 7 चिकित्सा महाविद्यालय: सैजल
स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि आज राज्य में 7 चिकित्सा महाविद्यालय हैं, जिनमें से 6 चिकित्सा महाविद्यालय सरकारी क्षेत्र में हैं। उन्होंने कहा कि बिलासपुर में एम्स भी स्थापित किया गया है, जिसे कि इस वर्ष के मध्य तक प्रधानमंत्री राष्ट्र को समर्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि नया ओ.पी.डी. भवन मरीजों को, विशेष रूप से महामारी के दौरान बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में दूरगामी भूमिका निभाएगा।