आईआईटी मंडी का राष्ट्र विकास और मानवता कल्याण में अहम योगदानः जयराम
लोकमत उदय ब्यूरो
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मण्डी प्रदेश का सबसे प्रतिष्ठित संस्थान है जो प्रदेश और इस क्षेत्र के लोगों के लिए गौरव का विषय है. मुख्यमंत्री मण्डी में आईआईटी कमांद के उत्तरी परिसर में संस्थान के 12वें स्थापना दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पिछले 12 वर्षों में संस्थान ने अभूतपूर्व प्रगति की है. संस्थान के विद्यार्थियों ने अपने-अपने क्षेत्र में बेहतरीन प्रगति की है जो हम सभी के लिए गर्व की बात है.उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में कुल 23 आईआईटी हैं.जिनमें से एक हिमाचल प्रदेश में स्थापित है, जो प्रदेश के लिए सम्मान का विषय है।
संस्थान ने निरंतर सराहनीय प्रगति की, 2009 में हुआ था मंडी में स्थापित
आईआईटी देश के विकास और मानवता कल्याण की दिशा में बहुमूल्य योगदान दे रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में इसका योगदान जारी रहेगा उन्होंने कहा कि मण्डी में वर्ष 2009 में स्थापित इस संस्थान ने निरंतर सराहनीय प्रगति की है. वर्तमान में इस संस्थान से लगभग दो हजार विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. जबकि 100 से अधिक प्राचार्य और कर्मचारी यहां अपनी सेवाएं दे रहे हैं.इस संस्थान में बी.टैक, एम.टैक कोर्स के अतिरिक्त एम.टैक, एमएससी, एमए, एमएस और पीएचडी जैसे विषयों में स्नातकोत्तर कोर्स करवाए जा रहे हैं. प्रदेश सरकार इस संस्थान में बेहतर सम्पर्क और अन्य अधोसंरचना सुविधाएं प्रदान करने के लिए हर सम्भव सहायता प्रदान करेगी।
100 करोड़ रुपये से अधिक लागत की शोध परियोजनाएं
जयराम ठाकुर ने कहा कि इस संस्थान के पास 100 करोड़ रुपये से अधिक लागत की शोध परियोजनाएं है जो किसी भी संस्थान के लिए एक शानदार उपलब्धि है. आईआईटी मण्डी को अब तक लगभग एक हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं, 140 स्टार्टअप बिजनेस को इसने सहयोग प्रदान किया है तथा स्वच्छ ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, उद्यम प्रबन्धन, बायोटैक्नोलॉजी, शिक्षा, उत्पादन आदि के लिए संस्थान ने 3.50 करोड़ रुपये वितरित किए हैं. उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि अन्तरराष्ट्रीय शैक्षणिक विस्तार कार्यक्रम के तहत आईआईटी मण्डी विश्व के उत्कृष्ट संस्थानों और विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत 50 से अधिक विद्यार्थियों ने विश्व के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अन्तरराष्ट्रीय शैक्षणिक विस्तार कार्यक्रमों में भाग लिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने पर दिया है बल
मुख्यमंञी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने पर हमेशा बल दिया है और वर्ष 2014 से डिजिटल इण्डिया को प्रोत्साहित किया है. डिजिटल इण्डिया की परिकल्पना से कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के दौरान प्रभावी प्रबन्धन में सहायता मिली है.उन्होंने कहा कि सभी उच्च स्तरीय बैठकें इंटरनेट के माध्यम से आयोजित की गईं और महामारी से प्रभावशाली तरीके से निपटने के लिए ठोस निर्णय लिए गए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भी इस परीक्षा की घड़ी में जिला प्रशासन के साथ वर्चुअल बैठकें आयोजित कीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी को फैलने से रोकने में तकनीक ने अहम भूमिका निभाई है. जब महामारी ने दस्तक दी तब देश के पास एक भी पीपीई किट उपलब्ध नहीं थी लेकिन आज देश प्रतिदिन छः लाख पीपीई किट्स तैयार कर रहा है.एक वर्ष पूर्व प्रदेश के पास केवल 50 वेंटीलेटर थे और आज 600 वेंटीलेटर उपलब्ध हैं जिनका निर्माण भारत में किया गया है।