हिमाचल उपचुनाव: पहली बार बुजुर्गों और दिव्यांगों को भी दी जा रही है बैलेट पेपर से वोट डालने की सुविधा

लोकमत उदय ब्यूरो
हिमाचल प्रदेश में पहली बार में 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों और दिव्यांगों को बैलेट पेपर से वोट डालने की सुविधा दी जा रही है चुनाव आयोग ने तय किया है कि 80 साल से ऊपर के उम्रदराज लोगों और दिव्यांगों को घर पर ही बैलट पेपर दिए जाएंगे.वोटरों को यह सुविधा प्रदान करने के लिए आयोग द्वारा चारों क्षेत्रों में बुजुर्ग और दिव्यांग वोटरों की सूची तैयार की जा रही है इस सूची के अनुसार बैलेट पेपर घर ही भेजे जाएंगे जिन्हें चुनाव कर्मचारी घर जाकर ही कलेक्ट करेंगे. इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी, ताकि किसी भी तरह का कोई सवाल न उठ सके. मतदाता की गोपनीयता भी बनी रहेगी. पोस्टल बैलेट को लेने से पहले उसे सील बंद लिफाफे में पैक किया जाएगा और संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर के पास जमा करवाया जाएगा।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग ने लिया फैंसला
पोस्टल बैलेट पेपर संबंधित चुनाव क्षेत्र में मतगणना वाले दिन ही खोले जाएंगे.प्रदेश में पहली बार चुनाव अयोग इस तरह का प्रयोग कर रहा है.इससे पहले केवल आर्मी के जवानों और मतदान कर्मियों को ही पोस्टल बैलेट की सुविधा दी जाती है लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग ने 80 साल से ऊपर के बुजुर्गों, दिव्यांगों और एसेंशियल सर्विसेज में तैनात कर्मियों को भी पोस्टल बैलेट पेपर की सुविधा दी है।
मंडी,अर्की, फतेहपुर और जुब्बल कोटखाई में होने जा रहे है उपचुनाव
हिमाचल प्रदेश में मंडी संसदीय क्षेत्र, अर्की, फतेहपुर और जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्रो में उपचुनाव होने जा रहे हैं. चारों इलाकों में लगभग 65 हजार से अधिक दिव्यांग और 80 साल की आयु के मतदाता बताए जा रहे हैं. टीमें घर-घर जाकर इनसे यह पूछेगी कि वह क्या पोस्टल बैलेट पेपर का प्रयोग करना जाते हैं या मतदान केंद्र पर आना चाहते है. जो भी वृद्ध और दिव्यांग पोलिंग बूथ पर आकर वोट देना चाहेगा, उन्हें नहीं रोका जाएगा. जो घरों में रहकर ही पोस्टल बैलेट पेपर पर वोट देना चाहेंगे, उन्हें सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

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