पीएम मोदी ने दी हिमाचल को 11 हजार करोड़ की सौगात, जयराम और उनकी टीम की थपथपाई पीठ
लोकमत उदय ब्यूरो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के मंडी स्थित ऐतिहासिक पड्डल मैदान में अपने संबोधन में कहा देश में फार्मा क्षेत्र में हिमाचल ने अपनी अलग पहचान बनाई है देश को फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड कहते हैं और इसके पीछे हिमाचल एक बहुत बड़ी ताकत है कोरोनाकाल के दौरान हिमाचल ने न सिर्फ दूसरे राज्यों, बल्कि दूसरे देशों की भी मदद की आयुष इंडस्ट्री को सरकार लगातार बढ़ावा दे रही है.पीएम मोदी ने कहा कि उनका हिमाचल से गूढ़ प्रेम रहा है. वह काशी विश्वनाथ में दर्शन करने के बाद छोटी काशी आए हैं यहां बाबा भूतनाथ, पंचवक्त्र महादेव मंदिर के दर्शन करने का मौका मिला उनके जीवन को दिशा देने में हिमाचल ने अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार के चार साल पूरे होने पर हिमाचल के लोग बधाई के पात्र हैं. इतनी ठंड में यहां इतने लोगों का आना इस बात का द्योतक है. कि हिमाचल में चार साल में विकास को गति मिली है।
हिमाचल को दिए एम्स, मेडिकल कॉलेज, कनेक्विटी बढ़ाने के प्रयास जारी
पीएम मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनकी टीम ने विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी है. इन सालों में सरकार ने कोरोना से लड़ाई भी लड़ी और विकास को भी प्रभावित नहीं होने दिया.हिमाचल को एम्स, मेडिकल कॉलेज दिए और कनेक्विटी बढ़ाने के लिए प्रयास जारी हैं. उन्होंने कहा कि वह पड्डल मैदान में आने से पहले इन्वेस्टर मीट में गए. वहां प्रदर्शनी देख कर मन अभिभूत हो गया.इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हिमाचल प्रदेश के मंडी में पहुंचने पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने स्वागत किया.निवेशकों के साथ रूबरू हुए और हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों की लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन किया।
11 हजार करोड़ रुपए की लागत से बनी 111 मेगावाट परियोजना को किया लोकार्पित
प्रधानमंत्री ने शिमला जिले की पब्बर नदी पर 11 हजार करोड़ रुपए की लागत से बनी 111 मेगावाट की सावड़ा-कुड्डू पनबिजली परियोजना को लोकार्पित किया. परियोजना के डिजायन की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा कि यह पिआनो की अकृति जैसा दिखने वाला दुनिया का अपनी तरह का अनूठा बांध है उन्होंने कहा कि गिरी नदी पर रेणुका परियोजना का प्रदेश को बहुत लाभ होगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि ईज ऑफ लीविंग सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बिजली हर क्षेत्र के लिए जरूरी है। भारत अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ रहा है। हिमाचल प्राकृतिक खेती में बढ़-चढ़कर काम कर रहा है। उन्होंने खुशी जताई कि प्रदेश के डेढ़ लाख से ज्यादा किसान केमिकल मुक्त प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फार्मिंग में भी नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए डबल इंजन की सरकार लगातार काम कर रही है। केमिकल मुक्त कृषि उत्पादों की देश-विदेश हर जगह मांग है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल दौरे के दौरान 1,800 करोड़ की लागत से बनने वाली 210 मेगावाट से अधिक क्षमता की लुहरी स्टेज-1 पनबिजली परियोजना की आधारशिला रखी. 2,000 करोड़ रुपए की लागत से शिमला जिले की पब्बर नदी पर बनी 111 मेगावाट सावड़ा-कुड्डू पनबिजली परियोजना का लोकार्पण किया. प्रधानमंत्री ने 7000 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली रेणुका बांध परियोजना और 700 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली 66 मेगावाट की धौलासिद्ध पनबिद्युत परियोजना का शिलान्यास किया
पीएम ने पर्यटकों से की अपील, देवभूमि में प्लास्टिक कचरा न फैलाएं
प्रधानमंत्री ने स्वच्छ हिमाचल को कचरा मुक्त बनाने के लिए यहां आने वाले पर्यटकों से आग्रह किया कि देवभूमि में प्लास्टिक कचरा फैलाएं. हिमाचल में पर्यटन की आपार संभावनाएं हैं. बहुत सारे रमणीक स्थल हिमाचल में हैं. यहां जैसा नजारा दुनिया में और कहीं देखने को नहीं मिलता.पर्यटन का फन हिमाचल से बढ़कर कहीं और नहीं मिल सकता. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में एक विचारधारा विलन जैसी है और जबकि दूसरी विकास की है. उन्होंने कहा कि विलन जैसी विचारधारा वालों ने पहाड़ों पर रहने वालों की कभी परवाह नहीं की. इन्हीं विलन की विचारधारा वालों ने हिमाचल के लोगों को अटल टनल के लिए दशकों तक इंतजार करवाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्हीं विलन की विचारधारा वालों के कारण ही रेणुका परियोजना में तीन दशक लग गए.हिमाचल को शिव और शक्ति का स्थान बताते हुए कहा कि यहां तीन कैलाश हैं, बौद्ध आस्था यहां है। पर्यटन और तीर्थाटन जुड़ रहे हैं।