हिमाचल में नेशनल हेल्थ मिशन कर्मी हड़ताल पर, नहीं हो सके अस्पतालों में टेस्ट, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

लोकमत उदय ब्यूरो
नेशनल हेल्थ मिशन कर्मचारियों के पैन डाउन स्ट्राइक के कारण हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ा. 1700 लैब टेक्नीशियन,फार्मासिस्ट, महिला स्वस्थ्य कार्यकर्ता,डाटा एंट्री ऑपरेटर, ट्रीटमेंट सुपरवाइजर, लेबोरेटरी सुपरवाइजर, फिजियोथेरेपिस्ट, काउंसलर, ड्राइवर इत्यादि हड़ताल पर रहे.राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के रवैये से नाखुश नेशनल हेल्थ मिशन कर्मचारियों ने राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपा और अपनी आपबीती बताई. इस पर राज्यपाल ने कर्मचारियों को विश्वास दिलाया कि उन्हें लेकर वह स्वयं मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य सचिव से बात करेंगे।
क्या है पूरा मामला
नेशनल हेल्थ मिशन कर्मचारी दो दशक से अधिक की सेवाओं दे चूके है बावजूद इसके इनके लिए कोई स्थाई नीति नहीं है ये कर्मी 1998 के बाद से स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. देश के अधिकतर राज्य में नेशनल हेल्थ मिशन कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए पॉलिसी बना चुके है.हरियाणा में भी पॉलिसी बनाने के बाद 2018 से पूरा वेतनमान दिया जा रहा है. इसे देखते हुए कई बार यह कर्मचारी अपने लिए स्थाई पॉलिसी बनाने का आग्रह कर चुके हैं।
27 दिसंबर से काले बिले लगाकर कर रहे है काम
बीते 27 जनवरी से काले बिले लगाकर प्रदेशभर में नेशनल हेल्थ मिशन कर्मचारी काम कर रहे हैं. इन कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें हड़ताल करने के लिए मजबूर किया गया है. अब उनकी हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक उनके लिए पॉलिसी नहीं बना दी जाती है. इनका कहना है कि राज्यपाल ने पॉलिसी की मांग को जल्द पूरा करने का भरोसा दिया है।

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