हिमाचल अस्तित्व के 75 वर्ष, कंडाघाट में समारोह आयोजित, जयराम ठाकुर हुये शामिल

लोकमत उदय ब्यूरो
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को सोलन जिला के कंडाघाट में हिमाचल प्रदेश के अस्तित्व में आने के 75 वर्षों के उपलक्ष्य पर आयोजित प्रगतिशील हिमाचल स्थापना के 75 वर्ष समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि इन 75 वर्षों में राज्य में सभी क्षेत्रों में अद्वितीय विकास हुआ है। उन्होने कहा कि 15 अप्रैल, 1948 को अस्तित्व में आने पर हिमाचल प्रदेश के केवल चार जिले थे और जनसंख्या लगभग 11 लाख थी जबकि आज प्रदेश की जनसंख्या 70 लाख से अधिक है। उन्होंने कहा कि उस समय प्रदेश का क्षेत्रफल 25839 वर्ग किलोमीटर था जबकि आज यह 55673 वर्ग किलोमीटर है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1948 में राज्य की साक्षरता दर लगभग 4.8 प्रतिशत थी जबकि आज यह दर 83 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहा कि राज्य ने स्वास्थ्य, शिक्षा, बागवानी, पर्यटन और सम्बद्ध क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि यह राज्य की 75 वर्षों की शानदार उपलब्धियों का उत्सव मनाने का अवसर है।
हिमाचल को मिली केंद्र से 800 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय सहायता
जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य ने कोरोना महामारी के दौर में कठिन परिस्थितियों का सामना किया लेकिन यहां के लोगों के पूर्ण सहयोग से राज्य इस महामारी को नियंञित करने में सफल रहा और विकास की गति को भी बनाए रखा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हिमाचल के प्रति विशेष लगाव है ओर उनके नेतृत्व में राज्य को हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाएं प्राप्त हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के उदारतापूर्ण सहयोग से केन्द्रीय परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण को पुनः बहाल किया गया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्य में विकास की गति को बढ़ाने के लिए 800 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने प्रदेश के लिए एम्स, आईआईएम, आईआईटी, केन्द्रीय विश्वविद्यालय भी मंजूर किए है।
कांग्रेस नेताओं पर लगाया, लोगों को गुमराह करने के आरोप
जयराम ठाकुर ने ओपीएस के मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं पर राज्य के लोगों को गुमराह करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ओपीएस को हटाकर एनपीएस को लागू करने से सम्बन्धित अनुबंध पर हस्ताक्षर करने वाले देश के पहले राज्यों में से एक था। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस के नेता चुनावों के दृष्टिगत लोगों को गुमराह करने में लगे हैं। उन्होने कहा कि लोगों को इन नेताओं से यह पूछना चाहिए कि कांग्रेस शासित राज्यों में वे ओपीएस क्यों लागू नहीं करवा पाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर 1300 करोड़ रुपये व्यय कर रही है जबकि पिछली सरकार के समय यह केवल 400 करोड़ रुपये था। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री शगुन योजना, सहारा योजना, मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना, महिलाओं को बस किराये में 50 प्रतिशत छूट, 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली इत्यादि योजनाएं प्रदेश के लोगों को बड़े स्तर पर लाभान्वित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस नेता राज्य में सत्ता में आने पर इन योजनाओं को बन्द करने के दावे करने लगे हैं।
145 करोड़ रुपये लागत की 13 विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने आवश्यक मापदण्डों को पूरा करने पर ममलीग में राजकीय स्नातक महाविद्यालय खोलने की भी घोषणा की। इस अवसर पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा हिमाचल के अस्तित्व में आने के 75 वर्ष पर आधारित थीम सॉन्ग और प्रदेश के शानदार इतिहास को दर्शाते वृत्तचित्र का भी प्रदर्शन किया गया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कण्डाघाट में सोलन विधानसभा क्षेत्र के लिए 145 करोड़ रुपये लागत की 13 विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास किए।
इनडोर ऑडिटोरियम सहित सोलन-राजगढ़ बाईपास सड़क का किया लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने पट्टी कोलियां और साथ लगती ग्राम पंचायत डांगरी के गांवों के लिए 1.18 करोड़ रुपये लागत की उठाऊ जलापूर्ति योजना के संवर्द्धन कार्य, 28 लाख रुपये की उठाऊ जलापूर्ति योजना नौणी मझगांव, 5.50 करोड़ रुपये से निर्मित कौशल विकास केन्द्र, 1.91 करोड़ रुपये से निर्मित राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, कीन-क्यार गांव के नजदीक अश्वनी खड्ड पर 1.70 करोड़ रुपये से निर्मित पैदल पुल, 25.61 करोड़ रुपये लागत से निर्मित सोलन-राजगढ़ बाईपास सड़क तथा सोलन के जटोली में 30.31 करोड़ रुपये से निर्मित इनडोर ऑडिटोरियम के लोकार्पण किए। जयराम ठाकुर ने ग्राम पंचायत वाकना, क्वारग, छावशा, बीशा, सैंज, सिरीनगर, कोट, मही के विभिन्न गांवों के लिए 55.38 करोड़ रुपये से गिरी नदी से जलापूर्ति योजना के स्त्रोत के सुदृढ़ीकरण कार्य, सोलन तहसील के अन्तर्गत 8.71 करोड़ रुपये से उठाऊ जलापूर्ति योजना कोठी बाड़ा, उठाऊ जलापूर्ति योजना धरोल बाशा, ग्रेवेटी जलापूर्ति योजना छावशा और ग्रेवेटी जलापूर्ति योजना गनोरी के संवर्द्धन कार्य, कण्डाघाट तहसील की ग्राम पंचायत दंघील में एक करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली उठाऊ सिंचाई योजना दमधार बखोर, पौंदी के नजदीक अश्वनी खड्ड पर 1.55 करोड़ रुपये से निर्मित होने वाले पैदल पुल, कथैड़ में 9.61 करोड़ रुपये की उप सब्जी मंडी तथा वाकनाघाट में 4.69 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली उप सब्जी मंडी के शिलान्यास किए।

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